1<e>यात्रा का गीत</e> हे यहोवा के सब सेवकों, सुनो, तुम जो रात-रात को यहोवा के भवन में खड़े रहते हो*, यहोवा को धन्य कहो। (प्रका. 19:5)
2अपने हाथ पवित्रस्थान में उठाकर, यहोवा को धन्य कहो।
3यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, वह सिय्योन से तुझे आशीष देवे।